एमपी में कोरोना के डर से स्कूल जाने से डर रहे बच्चे, हेल्पलाइन पर बताई पीड़ा
भोपाल। शिवराज सरकार ने जब से नए साल में स्कूल खोले हैं तब से बच्चे टेंंशन में आ गए हैं। उनकी समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें? माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्प लाइन पर लाखों बच्चों ने अपनी पीड़ा जाहिर की है। उनका एक ही सवाल है-स्कूल जाना है या नहीं? कोई खतरा तो नहीं है? लेकिन जवाब में उन्हें सिर्फ गाइड लाइन का पालन करने की बात कही जा रही है, जिससे वे संतुष्ट नहीं हैं।
वर्तमान में कक्षा 9वीं और 12वीं के करीब 2 लाख 35 हजार छात्र अपनी पीड़ा बता चुके हैं। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 18 काउंसलिंग सेंटर बनाए हैं। जहां छात्रों द्वारा कॉल किए जाने पर उनकी समस्या का समाधान किया जाता है। बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों में क्या स्कूल जाने से कोरोना हो जाएगा?इस बार परीक्षा समय पर कैसे होगी? जनरल प्रमोशन के निर्णय का क्या हुआ ? परीक्षा की तैयारी के लिए मैटर कहां मिलेगा? शामिल हैं।
सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में स्कूल तो खोल दिए हैं लेकिन बच्चों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए हैं। सूत्रों की मानें तो स्कूलों में टीचर बच्चों के अभिभावकों से लिखित रूप से ले रहे हैं कि अगर बच्चों को स्कूल के दौरान कोरोना होता है तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की नहीं होगी। यानि अगर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं तो बच्चे को कुछ हाेने पर पूरी जिम्मेदारी उन्हें ही खुद उठानी होगी।
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